Site icon MH Breaking News

दुनिया का इकलौता गांव जहां लड़कियां हैं कुंवारी… वजह जानकर दिमाग घूम जाएगा Unmarried Girls Village

Unmarried Girls Village

Unmarried Girls Village – दुनिया में कई जगहें अपनी अजीबो-गरीब परंपराओं और अलग सोच के लिए जानी जाती हैं। ऐसी ही एक जगह है ब्राज़ील का एक छोटा सा गांव – नोइवा दो कोरडेएरो (Noiva do Cordeiro)। ये गांव जितना खूबसूरत है, उतनी ही दिलचस्प है यहां की कहानी। हरियाली से घिरा, पहाड़ियों के बीच बसा ये गांव अपने अलग अंदाज़ और जीवनशैली की वजह से खूब चर्चा में रहता है। लेकिन जो बात सबसे ज़्यादा चौंकाती है वो ये कि यहां की सैंकड़ों लड़कियां आज भी कुंवारी हैं!

अब आप सोच रहे होंगे कि आज के ज़माने में ऐसा कैसे हो सकता है? तो चलिए, आपको बताते हैं पूरी कहानी – बिल्कुल आसान और अपने देसी अंदाज़ में।

यहां की लड़कियां पढ़ी-लिखी और समझदार हैं

इस गांव में करीब 600 महिलाएं रहती हैं, जिनकी उम्र आमतौर पर 20 से 35 साल के बीच है। ये सब की सब पढ़ी-लिखी, मेहनती और आत्मनिर्भर हैं। खेती से लेकर घर के हर छोटे-बड़े काम तक, ये महिलाएं सब कुछ खुद संभालती हैं। इतना ही नहीं, गांव की हर बड़ी छोटी व्यवस्था, फैसले – सब कुछ महिलाएं ही तय करती हैं।

फिर शादी क्यों नहीं हो रही?

अब असली सवाल यही है – जब ये लड़कियां इतनी काबिल और आत्मनिर्भर हैं तो फिर शादी क्यों नहीं हो रही? तो इसके पीछे दो बड़ी वजहें हैं।

वजह 1: यहां मर्द ही नहीं हैं!

हां, सही सुना आपने। इस गांव में अविवाहित पुरुषों की संख्या बहुत ही कम है। जो पुरुष हैं भी, उनमें ज़्यादातर पहले से शादीशुदा हैं या फिर गांव छोड़कर बाहर काम करने चले गए हैं। ऐसे में यहां रहने वाली लड़कियों को अपनी पसंद का जीवनसाथी मिल ही नहीं पा रहा।

वजह 2: लड़कियों की खास शर्त

इस गांव की लड़कियां चाहती हैं कि अगर कोई लड़का उनसे शादी करे, तो वो शादी के बाद गांव में ही आकर रहे। वो चाहती हैं कि लड़के उनकी संस्कृति, उनके बनाए नियम और उनके जीवन के तरीके को अपनाएं। लड़कियां साफ कहती हैं कि वो शादी के बाद अपना गांव, अपनी आज़ादी और अपनी पहचान छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं।

महिलाएं चला रही हैं पूरा गांव

इस गांव में असल मायनों में महिलाओं की चलती है। यहां कोई ऐसा नहीं जो कहे कि “ये काम औरतों का नहीं”, क्योंकि हर काम यही महिलाएं करती हैं – चाहे वो खेती हो, फैसले लेना हो या गांव का संचालन। ये महिलाएं पुरुषों के बनाए सामाजिक नियमों को मानने के लिए बिल्कुल तैयार नहीं हैं।

उनका कहना है कि जब वो खुद से सोच सकती हैं, कमा सकती हैं, फैसले ले सकती हैं – तो फिर किसी और की बातों पर क्यों चलें?

आत्मनिर्भरता इनकी सबसे बड़ी ताकत

नोइवा दो कोरडेएरो की महिलाएं सिर्फ ज़िंदगी जी नहीं रहीं, बल्कि उसे अपने तरीके से बना रही हैं। उनकी आत्मनिर्भरता, उनका स्वाभिमान और एकजुटता आज के दौर में मिसाल है। और इसी वजह से वो चाहती हैं कि उनका होने वाला पति भी उनकी इस सोच को समझे और अपनाए।

दुनियाभर से किया गया प्रस्ताव

कई साल पहले, इस गांव की लड़कियों ने दुनिया के सभी अविवाहित लड़कों से अपील की थी – कि अगर वो एक समझदार, मेहनती और आज़ाद ख्यालों वाली लड़की के साथ जिंदगी बिताना चाहते हैं, तो उनके गांव आकर बस सकते हैं। पर उनकी ये शर्तें – यानी गांव में ही रहना और उनकी संस्कृति को अपनाना – कई लड़कों को रास नहीं आईं।

थोड़ा अजीब, लेकिन बहुत प्रेरणादायक

देखा जाए तो ये स्थिति थोड़ी हटकर ज़रूर है। लेकिन ये महिलाओं की एकता, आत्मनिर्भरता और सम्मान की मिसाल है। जहां आज भी कई जगहों पर लड़कियों को फैसले लेने का हक नहीं मिलता, वहीं नोइवा दो कोरडेएरो की महिलाएं अपने हक और जिंदगी के फैसले खुद ले रही हैं – और वो भी पूरे गर्व के साथ।

क्या आने वाले समय में कुछ बदलेगा?

अभी तो हालात यही हैं कि गांव की ज्यादातर लड़कियां कुंवारी हैं। लेकिन अगर कोई ऐसा जीवनसाथी मिलता है जो उनके विचारों, जीवनशैली और आज़ादी का सम्मान करता हो, तो शायद कई कहानियों की खूबसूरत शुरुआत यहीं से हो सकती है।

Disclaimer

यह लेख सामाजिक और सांस्कृतिक पहलुओं को ध्यान में रखते हुए लिखा गया है। इसका उद्देश्य किसी की मान्यताओं या परंपराओं का मज़ाक उड़ाना नहीं, बल्कि एक अनोखी जीवनशैली की जानकारी साझा करना है। कृपया इसे उसी दृष्टिकोण से पढ़ें।

Exit mobile version