Supreme Court Decision : सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला! अब माता-पिता की सेवा नहीं की तो छिन जाएगी जायदाद

Supreme Court Decision : सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक Supreme Court ruling सुनाई है, जो उन माता-पिता के लिए राहत की खबर है जो अपनी संतान की अनदेखी का शिकार होते हैं। अब अगर कोई संतान अपने माता-पिता की देखभाल नहीं करती, तो उनकी दी हुई संपत्ति वापस ली जा सकती है। यह फैसला Welfare of the Parents and Senior Citizens Act के तहत लिया गया है, जिससे बुजुर्गों को कानूनी सुरक्षा मिलेगी।

माता-पिता की देखभाल अब अनिवार्य

भारत में कई elder rights से जुड़े मामले सामने आते हैं, जहां संतानें अपने माता-पिता से प्रॉपर्टी तो ले लेती हैं, लेकिन फिर उनकी देखभाल नहीं करतीं। Parental supervision की कमी के चलते कई बुजुर्ग अकेले रहने को मजबूर हो जाते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि अब बच्चों को माता-पिता की देखभाल करनी होगी, वरना property revocation हो सकती है।

कोर्ट का फैसला क्या कहता है?

सुप्रीम कोर्ट के इस judiciary verdict के मुताबिक, अगर किसी बुजुर्ग ने अपनी संपत्ति या गिफ्ट अपने बच्चों को दी है और बच्चे उनकी देखभाल नहीं कर रहे हैं, तो माता-पिता को पूरा अधिकार होगा कि वे gift deed cancellation की मांग कर सकें।

मुख्य बिंदु:

  1. अगर संतान माता-पिता का ख्याल नहीं रखती, तो उनकी दी हुई संपत्ति वापस ली जा सकती है।
  2. संपत्ति का property transfer rules का पालन करते समय यह शर्त जोड़ी जाएगी कि बच्चों को माता-पिता की देखभाल करनी होगी।
  3. अगर माता-पिता की देखभाल नहीं हुई, तो संपत्ति ट्रांसफर को अवैध माना जाएगा।
  4. यह फैसला elder care law को और मजबूत बनाएगा, जिससे वरिष्ठ नागरिकों को न्याय मिलेगा।

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज किया

पहले मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा था कि अगर inheritance laws के तहत संपत्ति ट्रांसफर हुई है और उसमें माता-पिता की देखभाल से जुड़ी शर्त नहीं लिखी गई, तो प्रॉपर्टी वापस नहीं ली जा सकती। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को खारिज कर दिया और कहा कि माता-पिता की देखभाल न करना भी एक वैध कारण है property revocation का।

बुजुर्गों को क्या फायदा होगा?

  1. Legal protection: अब माता-पिता को अपनी संपत्ति वापस लेने का कानूनी अधिकार मिल गया है।
  2. Senior citizens welfare: यह फैसला बुजुर्गों की भलाई के लिए एक अहम कदम है।
  3. Legal rights: माता-पिता अगर चाहें, तो संतान के खिलाफ कानूनी कार्यवाही कर सकते हैं।
  4. Court ruling: अदालत ने साफ कर दिया है कि माता-पिता की अनदेखी अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

सुप्रीम कोर्ट का संदेश

सुप्रीम कोर्ट ने इस Supreme Court decision में साफ कहा कि अगर कोई संतान माता-पिता की देखभाल नहीं करती, तो उनकी संपत्ति वापस ले ली जाएगी। यह फैसला elder rights को सुरक्षित करने के लिए लिया गया है, जिससे कोई भी बुजुर्ग अपने ही घर में उपेक्षित महसूस न करे।

अब माता-पिता को भी जागरूक होने की जरूरत है। बिना सोचे-समझे संपत्ति ट्रांसफर न करें और अगर जरूरत पड़े, तो कोर्ट की मदद जरूर लें।

Leave a Comment