Inactive Bank Account – अगर आपके पास भी ऐसा बैंक खाता है जिसे आपने सालों से छुआ तक नहीं, तो अब समय आ गया है उसे फिर से एक्टिव करवाने का। हाल ही में बैंकों ने ऐसे निष्क्रिय खातों को दोबारा चालू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह पहल भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के निर्देश पर की जा रही है, जिससे ग्राहकों की जमा राशि सुरक्षित रह सके और बैंकों के सिस्टम में पारदर्शिता बनी रहे।
कैसे हो रही है निष्क्रिय खातों की पहचान
देश के अलग-अलग बैंकों, खासकर सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों ने ऐसे खातों को चिन्हित करना शुरू कर दिया है, जिनमें पिछले दो साल या उससे अधिक समय से कोई लेनदेन नहीं हुआ है। इन खातों को “निष्क्रिय” की श्रेणी में रखा जाता है। बैंक कर्मचारियों को कहा गया है कि वे ऐसे खातों की एक सूची तैयार करें और संबंधित खाताधारकों से संपर्क करें। इन खातों को दोबारा चालू करने के लिए ग्राहकों से केवाईसी यानी KYC दस्तावेज अपडेट करवाने की प्रक्रिया भी शुरू की गई है।
आरबीआई क्यों हुआ सख्त
भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों को साफ निर्देश दिए हैं कि वे निष्क्रिय खातों की नियमित समीक्षा करें। RBI का मानना है कि ये निष्क्रिय खाते न सिर्फ बैंकिंग सिस्टम को बोझिल बनाते हैं बल्कि इनमें धोखाधड़ी की संभावना भी बढ़ जाती है। इसलिए अब बैंकों को यह निर्देश दिया गया है कि वे निष्क्रिय खातों की सूची तैयार कर उसे सार्वजनिक करें और खाताधारकों को सूचित भी करें। इसका मकसद खाताधारकों की सुरक्षा को और मजबूत करना है।
खाता एक्टिव कराने की पूरी प्रक्रिया
अगर आपका खाता भी निष्क्रिय हो गया है तो उसे फिर से चालू कराने के लिए आपको कुछ जरूरी कदम उठाने होंगे। सबसे पहले आपको उस बैंक की ब्रांच में जाकर एक आवेदन देना होगा जिसमें खाता है। इसके साथ ही आधार कार्ड, पैन कार्ड और निवास प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेज जमा कराने होंगे। बैंक आपके दस्तावेजों की जांच करेगा और अगर सबकुछ सही पाया गया, तो खाता दोबारा एक्टिव कर दिया जाएगा। इसके बाद आप फिर से अपने खाते से लेन-देन कर पाएंगे जैसे पहले करते थे।
कैसे की जा रही है ग्राहकों को सूचना
बैंक अब उन सभी खाताधारकों को कॉल, मैसेज और ईमेल के जरिए सूचना भेज रहे हैं जिनके खाते निष्क्रिय हो चुके हैं। इसके अलावा, बैंक ब्रांचों में नोटिस बोर्ड पर भी निष्क्रिय खातों की सूची चस्पा की जा रही है ताकि सभी ग्राहकों को इसकी जानकारी मिल सके। बैंकिंग अधिकारियों का कहना है कि ग्राहकों को यह सुविधा इसीलिए दी जा रही है ताकि वे बिना किसी परेशानी के समय रहते अपने खातों को एक्टिव करा सकें।
क्या असर पड़ता है निष्क्रिय खातों में रखी रकम पर
अगर आपका खाता निष्क्रिय हो चुका है तो उसमें रखी राशि पर बैंक ब्याज देना बंद कर देता है या फिर बहुत ही कम ब्याज दर लागू करता है। साथ ही खाते से जुड़ी कई सुविधाएं जैसे इंटरनेट बैंकिंग, एटीएम कार्ड, चेकबुक आदि भी बंद कर दी जाती हैं। इससे ग्राहकों को आर्थिक नुकसान हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि समय-समय पर अपने खाते की स्थिति की जांच करते रहें और जरूरत पड़ने पर उसे एक्टिव करवाएं।
धोखाधड़ी से बचाव के लिए उठाए गए कदम
निष्क्रिय खातों को दोबारा एक्टिव करने की यह पूरी मुहिम सिर्फ ग्राहक सुविधा तक सीमित नहीं है, इसका एक बड़ा कारण यह भी है कि इन खातों के जरिए होने वाली धोखाधड़ी को रोका जा सके। साइबर अपराधी अक्सर ऐसे खातों को टारगेट कर लेते हैं जिनमें लंबे समय से कोई गतिविधि नहीं होती। इसलिए खाताधारकों को भी सलाह दी जा रही है कि वे अपने अकाउंट से जुड़ी जानकारी जैसे पासवर्ड, ओटीपी या बैंकिंग डिटेल किसी के साथ साझा न करें और बैंकिंग ऐप इस्तेमाल करते समय भी पूरी सतर्कता बरतें।
FAQs
प्रश्न 1: निष्क्रिय खाता किसे कहा जाता है?
उत्तर: ऐसा बैंक खाता जिसमें पिछले दो वर्षों से कोई लेनदेन नहीं हुआ हो, उसे निष्क्रिय खाता कहा जाता है। इसमें रखी राशि पर सामान्य सेवाएं भी बंद हो जाती हैं।
प्रश्न 2: निष्क्रिय खाता दोबारा चालू कैसे करें?
उत्तर: बैंक शाखा में जाकर एक आवेदन पत्र देना होता है और आधार, पैन कार्ड, निवास प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेज जमा कराने होते हैं। दस्तावेज जांच के बाद खाता दोबारा एक्टिव हो जाता है।
प्रश्न 3: क्या निष्क्रिय खाता होने पर जमा राशि पर ब्याज मिलता है?
उत्तर: नहीं, निष्क्रिय खातों में ब्याज या तो बंद कर दिया जाता है या बहुत कम दर पर दिया जाता है। इसलिए समय पर खाता एक्टिव कराना जरूरी है।
डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स और बैंकिंग निर्देशों पर आधारित है। किसी भी बैंकिंग प्रक्रिया को अपनाने से पहले अपने संबंधित बैंक की शाखा या आधिकारिक वेबसाइट से पुष्टि अवश्य करें। यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से है और किसी भी प्रकार की कानूनी या वित्तीय सलाह नहीं है।