सरकारी कर्मचारियों के लिए ख़ुशख़बरी! एकसाथ मिलेगा 18 महीने का बकाया DA एरियर Dearness Allowance Update

Dearness Allowance Update – सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ी खबर फिर से सुर्खियों में है। वो 18 महीने का बकाया महंगाई भत्ता (DA Arrear), जो कोरोना काल के दौरान रोक दिया गया था, अब एक बार फिर चर्चा में आ गया है। हाल ही में हुई 63वीं नेशनल काउंसिल की बैठक में इस मुद्दे को लेकर ज़ोरदार बहस हुई और सरकार की ओर से कुछ अहम बातें भी सामने आईं। ऐसे में अब कर्मचारियों में हलचल है कि क्या उन्हें उनका रुका हुआ पैसा मिलेगा, कब मिलेगा और कितना मिलेगा? चलिए, पूरे मामले को आसान भाषा में समझते हैं।

DA एरियर का पूरा मामला कहां से शुरू हुआ?

जब देश में कोरोना महामारी अपने चरम पर थी, तब मार्च 2020 से लेकर जून 2021 तक सरकार ने महंगाई भत्ता और महंगाई राहत (DA/DR) को अस्थायी तौर पर रोक दिया था। सरकार का तर्क था कि उस वक्त देश आर्थिक संकट से गुजर रहा था और खर्चों पर नियंत्रण जरूरी था। इस वजह से लाखों कर्मचारियों और पेंशनर्स का DA रोक दिया गया। अब जब हालात सामान्य हो चुके हैं और अर्थव्यवस्था भी पटरी पर लौट आई है, तो स्वाभाविक है कि कर्मचारियों को उम्मीद है कि सरकार उनका बकाया DA लौटा देगी। लेकिन साल 2025 तक भी जब यह पैसा नहीं मिला, तो अब उनकी नाराजगी सामने आने लगी है।

कर्मचारी संगठनों में नाराजगी क्यों बढ़ रही है?

सरकारी कर्मचारियों के संगठन अब खुलकर सामने आ गए हैं और उनका कहना है कि कोरोना जैसे कठिन समय में भी उन्होंने अपनी ड्यूटी पूरी ईमानदारी और जान की बाजी लगाकर निभाई। चाहे रेलवे कर्मचारी हों, स्वास्थ्य विभाग के स्टाफ हों या प्रशासनिक अफसर – सभी ने अपनी ज़िम्मेदारी निभाई। ऐसे में DA को कोई बोनस या एक्स्ट्रा सुविधा नहीं बल्कि उनके अधिकार के तौर पर देखा जाना चाहिए। संगठन यह भी कह रहे हैं कि इसे सिर्फ आर्थिक विषय न समझा जाए, बल्कि इसे इंसाफ के नज़रिए से देखा जाना चाहिए।

सरकार ने क्या जवाब दिया है?

सरकार की ओर से इस बैठक में फिर वही पुराना जवाब दोहराया गया – कि कोरोना के दौरान देश की अर्थव्यवस्था पर भारी असर पड़ा था, सरकार ने कई राहत पैकेज चलाए जिनमें बहुत खर्च हुआ और अब भी सरकारी खजाना पूरी तरह से सामान्य स्थिति में नहीं आया है। इसलिए इस वक्त 18 महीने का DA एरियर देना संभव नहीं है। इस बयान ने कर्मचारियों को और ज़्यादा निराश कर दिया है।

क्या अब कोई उम्मीद बची है?

सरकार भले ही अभी पैसा देने से इनकार कर रही हो, लेकिन इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं कि मामला खत्म हो गया है। कर्मचारी संगठन लगातार इस मुद्दे को उठाते रहेंगे और आगे की बैठकों में फिर से इसे ज़ोर-शोर से रखेंगे। साथ ही वे अब कानूनी विकल्पों पर भी विचार कर रहे हैं। कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर यह मुद्दा कोर्ट तक गया, तो कर्मचारियों के पक्ष में फैसला आ सकता है, क्योंकि यह उनका वैधानिक अधिकार है जिसे बिना वजह रोका गया था।

DA एरियर से कितनी रकम मिल सकती है?

अगर सरकार DA एरियर देने का फैसला करती है, तो यह रकम हर कर्मचारी की बेसिक सैलरी और पद के अनुसार अलग-अलग होगी। एक अनुमान के मुताबिक जिनकी बेसिक सैलरी ₹25000 के आसपास है, उन्हें करीब ₹1.5 लाख तक मिल सकता है। वहीं जिनकी बेसिक ₹50000 या उससे ज्यादा है, उन्हें ₹2.5 लाख या उससे भी अधिक मिलने की संभावना है। हालांकि ये सिर्फ अंदाजे हैं, असली रकम उस समय की DA दरों और कर्मचारी की सेवा अवधि के अनुसार तय होगी।

8वें वेतन आयोग की भी चर्चा

बैठक में 8वें वेतन आयोग को लेकर भी बात हुई। कर्मचारी संगठन चाहते हैं कि 8वां वेतन आयोग जल्द से जल्द गठित किया जाए और इसे 1 जनवरी 2026 से लागू किया जाए। अगर यह समय से लागू होता है, तो फिर कर्मचारी DA एरियर के साथ उस पर ब्याज की भी मांग कर सकते हैं, जिससे उनका आर्थिक लाभ और अधिक बढ़ सकता है।

नई बीमा योजना की भी तैयारी

सरकार ने बैठक में एक और प्रस्ताव रखा – जिसमें सरकारी कर्मचारियों के लिए एक नई ग्रुप इंश्योरेंस स्कीम लाने की बात कही गई है। इस योजना के तहत कर्मचारियों को मेडिकल और अन्य इमरजेंसी परिस्थितियों में बेहतर आर्थिक सुरक्षा मिलेगी। फिलहाल इसका ड्राफ्ट तैयार हो चुका है और उम्मीद है कि जल्द ही इसे लागू किया जाएगा।

कर्मचारियों को क्या करना चाहिए?

अगर आप सरकारी कर्मचारी हैं, तो आपको इस पूरे मसले पर धैर्य बनाए रखना चाहिए। भले ही अभी पैसा नहीं मिला हो, लेकिन सरकार पर लगातार दबाव बनता जा रहा है। आप अपने यूनियन या संगठन से लगातार जुड़े रहें ताकि हर अपडेट मिल सके। साथ ही अपनी सैलरी स्लिप, सेवा रिकॉर्ड और अन्य ज़रूरी दस्तावेज संभालकर रखें, क्योंकि भविष्य में ये कोर्ट या अन्य कानूनी प्रक्रिया में काम आ सकते हैं। अगर जरूरत पड़े, तो RTI या न्यायिक रास्ता अपनाने से भी न हिचकें।

निष्कर्ष में बस इतना ही कि

सरकार ने भले फिलहाल 18 महीने के बकाया DA एरियर पर साफ तौर पर “ना” कह दिया हो, लेकिन यह मामला अब थमने वाला नहीं है। कर्मचारी संगठन पीछे हटने के मूड में नहीं हैं और हर संभव कदम उठाने को तैयार हैं। आने वाले समय में अगर दबाव और बढ़ा, तो सरकार को इस पर फिर से विचार करना ही पड़ सकता है।

डिस्क्लेमर

यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दिए गए तथ्य और अनुमान उपलब्ध मीडिया रिपोर्ट्स, सरकारी बयानों और विशेषज्ञों की राय पर आधारित हैं। किसी भी आर्थिक निर्णय से पहले संबंधित विभाग या संगठन से पुष्टि अवश्य कर लें।

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