CIBIL Score Update – RBI ने किया बड़ा बदलाव! 1 अप्रैल से CIBIL स्कोर के 6 नए नियम होंगे लागु

CIBIL Score Update – RBI ने हाल ही में CIBIL स्कोर से जुड़े नियमों में कुछ बड़े बदलाव किए हैं, जो 1 जनवरी 2025 से लागू हो चुके हैं। ये बदलाव इसलिए किए गए हैं ताकि क्रेडिट स्कोर की पारदर्शिता बढ़े और फ्रॉड के मामलों को कम किया जा सके। चलिए जानते हैं कि ये नए rules क्या हैं और इनका लोगों पर क्या असर पड़ेगा।

CIBIL Score अब हर 15 दिन में होगा Update

पहले CIBIL स्कोर हर महीने में एक बार अपडेट होता था। लेकिन अब RBI ने इसे हर 15 दिन में अपडेट करने का rule बना दिया है। इसका मतलब ये है कि जैसे ही आपका लोन प्रोसेस होता है, वैसे ही वो आपके CIBIL स्कोर में भी reflect हो जाएगा। ये change इसलिए किया गया है ताकि लोग एक लोन लेने के बाद दूसरा लोन तुरंत न ले पाएं। पहले क्या होता था कि लोग एक लोन लेने के बाद दूसरा apply कर देते थे, क्योंकि पुराने लोन की एंट्री CIBIL में जल्दी reflect नहीं होती थी। अब ये loophole fix कर दिया गया है।

बिना जानकारी के नहीं होगा CIBIL Score Check

पहले कई financial institutions और banks बिना आपकी जानकारी के आपका CIBIL score चेक कर सकते थे। इससे होता ये था कि बार-बार हार्ड इन्क्वायरी (Hard Inquiry) होने के कारण आपका CIBIL स्कोर घट जाता था। अब RBI ने ये rule बना दिया है कि अगर कोई भी bank या संस्था आपका CIBIL score चेक करेगी, तो आपको उसके बारे में notification और email के जरिए जानकारी दी जाएगी। मतलब अब बिना आपकी जानकारी के कोई भी आपके CIBIL score को access नहीं कर पाएगा।

गलत एंट्री पर जल्द मिलेगा Solution, वरना जुर्माना

कई बार ऐसा होता था कि किसी के credit report में गलत लोन एंट्री हो जाती थी और उसे ठीक कराने में महीनों लग जाते थे। अब नए नियम के हिसाब से अगर कोई गलत entry होती है और आप उसकी complaint करते हैं, तो CIBIL को 30 दिनों के अंदर-अंदर उसका समाधान करना पड़ेगा। अगर ऐसा नहीं हुआ, तो CIBIL पर हर दिन 100 रुपये का जुर्माना लगेगा। ये काफी अच्छा कदम है क्योंकि कई लोग इसी वजह से परेशान रहते थे कि उनकी credit report में गलत entries होती रहती थीं और उन्हें ठीक कराना आसान नहीं होता था।

Hard और Soft Inquiry में क्या है फर्क?

CIBIL score चेक करने के दो तरीके होते हैं – Hard Inquiry और Soft Inquiry। दोनों में बड़ा फर्क होता है और ये समझना जरूरी है।

Hard Inquiry

  • जब कोई बैंक, NBFC या financial institution आपका CIBIL score चेक करता है, तो उसे Hard Inquiry कहते हैं।
  • Hard Inquiry करने से आपके CIBIL score पर असर पड़ता है।
  • अगर बार-बार Hard Inquiry की जाए तो आपका score धीरे-धीरे कम होने लगता है।
  • Example: जब आप किसी bank से loan या credit card के लिए apply करते हैं, तो वो आपका CIBIL score चेक करते हैं।

Soft Inquiry

  • जब आप खुद अपना CIBIL score चेक करते हैं, तो उसे Soft Inquiry कहते हैं।
  • Soft Inquiry से आपके CIBIL score पर कोई असर नहीं पड़ता।
  • ये तरीका आपके score को track करने और monitor करने के लिए काफी useful है।

नए Rules का क्या असर पड़ेगा?

इन बदलावों का मकसद ये है कि लोग अपनी credit report को बेहतर तरीके से manage कर सकें और unnecessary hard inquiries से बच सकें। नए नियमों से loan process अब ज्यादा transparent और secure हो जाएगा।

  • Frequent Updates: हर 15 दिन में score update होने से लोग अपने score को accurately track कर पाएंगे।
  • Privacy का ध्यान: अब बिना आपकी information के कोई भी आपका CIBIL score check नहीं कर पाएगा।
  • Quick Resolution: गलत entries को जल्दी fix कराने का option मिलने से लोग ज्यादा confident feel करेंगे।

अब क्या करना चाहिए?

अगर आप अपने CIBIL score को maintain रखना चाहते हैं, तो इन चीजों का ध्यान रखें:

  • Hard Inquiries को Avoid करें: बार-बार अलग-अलग banks में लोन apply करने से बचें।
  • Soft Inquiry करें: खुद अपना CIBIL score चेक करते रहें ताकि आप aware रहें कि आपका score कैसा चल रहा है।
  • गलत Entries को जल्दी Report करें: अगर आपको लगता है कि आपकी credit report में कोई गलती है, तो तुरंत complaint करें।

RBI के ये नए rules उन लोगों के लिए काफी helpful साबित होंगे जो अपने CIBIL score को अच्छे से manage करना चाहते हैं। साथ ही, इससे transparency और safety दोनों बढ़ेगी। अगर आप भी किसी तरह का loan लेने का सोच रहे हैं तो इन बदलावों को ध्यान में रखते हुए ही apply करें।

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