CIBIL Score New Rules : सिबिल स्कोर से जुड़े 5 नए नियम – ग्राहकों को होगा फायदा!

CIBIL Score New Rules : यहाँ सिबिल स्कोर (CIBIL Score) से जुड़े नए आरबीआई (RBI) नियमों को आसान भाषा में समझिए, ताकि आपको बैंकिंग से जुड़ी किसी भी परेशानी का सामना न करना पड़े।

आजकल लोन (Loan) लेना हो या क्रेडिट कार्ड (Credit Card) के लिए अप्लाई करना हो, सबसे पहले आपका सिबिल स्कोर (CIBIL Score) चेक किया जाता है। यह आपके पुराने लोन और क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट की हिस्ट्री के आधार पर तय होता है। अगर स्कोर अच्छा है तो आसानी से लोन मिल जाता है और ब्याज दर भी कम होती है। लेकिन कम स्कोर होने पर दिक्कतें आ सकती हैं।

अभी तक सिबिल स्कोर को लेकर ग्राहकों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता था। बैंक (Bank) और क्रेडिट ब्यूरो (Credit Bureau) कई बार मनमानी कर लेते थे। इसी को ध्यान में रखते हुए आरबीआई (RBI) ने 5 नए नियम बनाए हैं, जो 26 तारीख से लागू हो चुके हैं। इन नियमों से बैंक और क्रेडिट कंपनियों पर सख्ती बढ़ेगी और ग्राहकों को राहत मिलेगी।

1. बिना बताए बैंक नहीं देख सकेंगे सिबिल स्कोर (CIBIL Score Check)

पहले बैंक या NBFC जब चाहें, बिना बताए आपका सिबिल स्कोर चेक कर लेते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अगर कोई बैंक या नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (NBFC) आपका क्रेडिट स्कोर चेक करती है, तो इसकी जानकारी आपको एसएमएस (SMS) या ईमेल (Email) के जरिए दी जाएगी।

इससे पारदर्शिता (Transparency) बढ़ेगी और आपको पता रहेगा कि कौन-कौन आपकी क्रेडिट हिस्ट्री पर नजर रख रहा है।

2. लोन रिजेक्ट (Loan Rejection) होने की वजह बतानी होगी

अगर आपने लोन (Loan) या क्रेडिट कार्ड (Credit Card) के लिए अप्लाई किया और बैंक ने उसे रिजेक्ट कर दिया, तो अब बैंक को आपको इसकी वजह बतानी होगी।

पहले बैंक बस “रिजेक्टेड” बोलकर पल्ला झाड़ लेते थे, लेकिन अब उन्हें एक उचित कारण देना होगा। इससे ग्राहकों को यह समझने में मदद मिलेगी कि उनका लोन क्यों नहीं मिला और वे अपने स्कोर को सुधारने के लिए जरूरी कदम उठा सकेंगे।

3. साल में एक बार फ्री क्रेडिट रिपोर्ट (Free Credit Report) मिलेगी

अब ग्राहक साल में एक बार फ्री में अपनी फुल क्रेडिट रिपोर्ट (Credit Report) चेक कर सकते हैं।

क्रेडिट ब्यूरो (Credit Bureau) को अपनी वेबसाइट (Website) पर एक लिंक देना होगा, जहां से ग्राहक अपनी रिपोर्ट डाउनलोड कर सकते हैं। इससे ग्राहकों को यह समझने में मदद मिलेगी कि उनका स्कोर कैसा है और अगर कोई गलती है तो उसे सही करवाया जा सके।

4. बैंक सीधे लोन डिफॉल्टर (Loan Defaulter) नहीं घोषित कर सकते

अब कोई भी बैंक या NBFC किसी ग्राहक को बिना पूर्व सूचना के लोन डिफॉल्टर (Loan Defaulter) घोषित नहीं कर सकते।

अगर किसी ग्राहक ने लोन की EMI नहीं चुकाई, तो उसे पहले बैंक द्वारा सूचना दी जाएगी। इसके बाद ही उसे डिफॉल्टर घोषित किया जा सकेगा।

इससे उन ग्राहकों को फायदा होगा जो किसी इमरजेंसी (Emergency) की वजह से EMI समय पर नहीं चुका पाते हैं। उन्हें समय रहते स्थिति सुधारने का मौका मिलेगा।

5. 30 दिन में सुलझानी होगी ग्राहक की शिकायत (Complaint Resolution)

अब बैंक और क्रेडिट ब्यूरो (Credit Bureau) को ग्राहक की सिबिल स्कोर (CIBIL Score) से जुड़ी किसी भी शिकायत का निपटारा 30 दिनों के अंदर करना होगा।

अगर बैंक या वित्तीय संस्था (Financial Institution) 21 दिनों में समाधान नहीं निकालते, तो उन पर जुर्माना लगेगा। उसके बाद 9 दिन का समय क्रेडिट ब्यूरो को मिलेगा, अगर वे भी समय पर समाधान नहीं करते, तो उन पर भी पेनल्टी (Penalty) लगेगी।

अगर शिकायत का समाधान तय समय में नहीं होता, तो हर दिन के हिसाब से ₹100 का जुर्माना देना होगा। जितनी देरी होगी, उतना ज्यादा जुर्माना बढ़ता जाएगा।

ग्राहक के लिए बड़ा फायदा!

इन नए नियमों से ग्राहकों को काफी फायदा होगा। अब बैंकों की मनमानी पर लगाम लगेगी और क्रेडिट स्कोर से जुड़ी गड़बड़ियों को आसानी से ठीक किया जा सकेगा।

अगर आप लोन या क्रेडिट कार्ड लेने की सोच रहे हैं, तो इन नियमों को जरूर ध्यान में रखें। इससे आपको बेहतर प्लानिंग करने में मदद मिलेगी और भविष्य में किसी भी तरह की परेशानी से बच सकते हैं।

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