CIBIL Score: बैंक कभी नहीं बताएंगे ये राज! ये एक गलती कर सकती है आपका क्रेडिट स्कोर बर्बाद

CIBIL Score – सिबिल स्कोर (CIBIL Score) आजकल काफी जरूरी हो गया है, खासकर जब आप लोन लेना चाहते हैं। बैंक से लोन लेना हो या क्रेडिट कार्ड अप्लाई करना हो, सबसे पहले बैंक आपका सिबिल स्कोर चेक करेगा। अगर स्कोर खराब हुआ, तो लोन मिलने में दिक्कत हो सकती है। तो चलो, जानते हैं कि ये सिबिल स्कोर किन-किन चीजों से प्रभावित होता है और कैसे इसे अच्छा रखा जा सकता है।

सिबिल स्कोर क्या है और क्यों जरूरी है?

सिबिल स्कोर एक तीन अंकों की संख्या होती है, जो आपकी क्रेडिट हिस्ट्री और क्रेडिट बिहेवियर को दिखाती है। ये स्कोर 300 से 900 के बीच होता है, और अगर आपका स्कोर 750 या उससे ज्यादा है तो आपको लोन मिलने की संभावना ज्यादा होती है। लेकिन अगर ये कम है, तो बैंक या लोन देने वाली कंपनी आपको लोन देने से मना कर सकती है।

क्रेडिट कार्ड का ज्यादा इस्तेमाल

अगर आप बार-बार क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं और लिमिट तक खर्च कर देते हैं, तो इससे आपका क्रेडिट कार्ड यूटिलाइजेशन रेश्यो (Credit Card Utilization Ratio) बढ़ जाता है। ये रेश्यो जितना ज्यादा होगा, सिबिल स्कोर पर उतना ही नेगेटिव असर पड़ेगा। बेहतर होगा कि आप अपनी कार्ड लिमिट का 30% या उससे कम ही इस्तेमाल करें। माने अगर आपके कार्ड की लिमिट ₹1 लाख है, तो कोशिश करें कि एक महीने में ₹30,000 से ज्यादा खर्च न करें।

EMI मिस करना

अगर आप कोई लोन ले चुके हैं और उसकी EMI टाइम पर नहीं भरते हैं, तो ये सिबिल स्कोर के लिए बहुत नुकसानदायक होता है। एक या दो EMI मिस करने पर ही स्कोर गिरने लगता है। अगर आप लगातार EMI मिस करते रहते हैं, तो आपका सिबिल स्कोर काफी खराब हो सकता है। जब भी EMI भरने की डेट पास आ रही हो, तो पहले ही कोशिश कर लें कि अकाउंट में पैसे हों।

बड़ा लोन लेना

अगर आपने अपनी इनकम के मुकाबले बहुत बड़ा लोन ले लिया है, तो ये भी सिबिल स्कोर को प्रभावित कर सकता है। बैंक जब देखता है कि आप पहले से ही बहुत कर्ज में हैं, तो वो आपके सिबिल स्कोर को कम कर सकता है। ये इसलिए क्योंकि बैंक को रिस्क लगता है कि आप शायद लोन वापस नहीं कर पाएंगे।

बार-बार लोन के लिए अप्लाई करना

अगर आप एक ही समय में कई बैंकों में लोन के लिए अप्लाई कर रहे हैं, तो इससे आपकी Hard Inquiry होती है। Hard Inquiry मतलब बैंक आपके सिबिल स्कोर को चेक करता है। और अगर ये बार-बार हो, तो आपका स्कोर नीचे गिरने लगता है। इसलिए बेहतर यही है कि एक ही समय में कई बैंकों में अप्लाई करने से बचें।

क्रेडिट कार्ड के लिए बार-बार अप्लाई करना

ये भी कुछ-कुछ लोन अप्लाई करने जैसा ही है। जब आप बार-बार क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई करते हैं, तो बैंक आपके सिबिल स्कोर की Hard Inquiry करता है। इससे भी स्कोर नीचे गिर सकता है। अगर आपको नया कार्ड चाहिए तो सोच-समझकर अप्लाई करें और हर जगह अप्लाई करने से बचें।

क्रेडिट कार्ड बंद करना

अगर आप अपना क्रेडिट कार्ड बंद कराते हैं, तो इससे भी सिबिल स्कोर पर असर पड़ सकता है। जब आप कोई कार्ड बंद करते हैं, तो आपकी कुल क्रेडिट लिमिट घट जाती है। इससे आपका क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो बढ़ सकता है और स्कोर डाउन हो सकता है। अगर कार्ड को बंद करना बहुत जरूरी नहीं है, तो उसे एक्टिव ही रहने दें।

सिबिल स्कोर ठीक कैसे रखें?

  • EMI समय पर चुकाएं: चाहे लोन की EMI हो या क्रेडिट कार्ड की पेमेंट, इन्हें टाइम पर जरूर भरें।
  • क्रेडिट कार्ड का सही इस्तेमाल करें: कार्ड की लिमिट का 30% से ज्यादा खर्च न करें।
  • बार-बार लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई न करें।
  • पुराने कार्ड को बिना वजह बंद न करें।
  • क्रेडिट मिक्स बनाए रखें: सिर्फ क्रेडिट कार्ड का ही इस्तेमाल न करें। पर्सनल लोन या ऑटो लोन जैसी चीजें भी ले सकते हैं।

आखिर में

सिबिल स्कोर एक ऐसा नंबर है, जो आपकी क्रेडिट हिस्ट्री को पूरी तरह से दिखाता है। इसे ठीक रखना कोई मुश्किल काम नहीं है, बस आपको थोड़ी प्लानिंग और डिसिप्लिन की जरूरत है। अगर आप अपने खर्चों को सही तरीके से मैनेज करते हैं और टाइम पर पेमेंट करते हैं, तो आपका सिबिल स्कोर हमेशा अच्छा रहेगा।

अगर आपको लगता है कि आपका सिबिल स्कोर खराब हो गया है, तो घबराने की जरूरत नहीं। इसे धीरे-धीरे ठीक किया जा सकता है। बस थोड़ा धैर्य रखना पड़ेगा और सही तरीके से फाइनेंशियल प्लानिंग करनी पड़ेगी।

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