CBSE Compartment 2025 – CBSE Board हर साल लाखों छात्रों के लिए 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं आयोजित करता है, जिनमें छात्र बेहतर अंक पाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। हालांकि, कभी-कभी कुछ छात्र एक या दो विषयों में असफल हो जाते हैं, जिससे उनके सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो जाती है। फेल होने की स्थिति में सबसे बड़ी चिंता यही होती है कि अब आगे क्या होगा — क्या पूरा साल बर्बाद हो जाएगा, या फिर पूरी कक्षा दोबारा करनी पड़ेगी?
इस समस्या को हल करने के लिए CBSE ने 2025 में एक अहम निर्णय लिया है। अब 10वीं और 12वीं कक्षा में फेल हुए छात्रों को Supplementary Exam (पूर्व में Compartment Exam) देने का एक और अवसर मिलेगा। इस परीक्षा का उद्देश्य छात्रों को अपनी पढ़ाई को बिना रुकावट जारी रखने का मौका देना है, जिससे उनका समय और मनोबल दोनों बच सके।
यह फैसला NEP 2020 के अंतर्गत लिया गया
यह नया नियम National Education Policy (NEP) 2020 के तहत लागू किया गया है। इस नीति का उद्देश्य छात्रों को अधिक अवसर प्रदान करना और असफलता की स्थिति में भी उन्हें प्रोत्साहित करना है। NEP 2020 शिक्षा प्रणाली को अधिक लचीला और छात्र-केंद्रित बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। CBSE ने इसी नीति के अनुरूप Supplementary Exam की व्यवस्था को और मजबूत किया है।
10वीं के छात्रों के लिए Skill Subject बना सहारा
CBSE ने 10वीं के छात्रों को एक और राहत दी है। यदि कोई छात्र पाँच मुख्य विषयों (जैसे भाषा, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान आदि) में से किसी एक में फेल हो जाता है, लेकिन उसका Skill Subject पास हो जाता है, तो उस Skill Subject को फेल हुए मुख्य विषय की जगह स्वीकार किया जाएगा। ऐसे में छात्र को Supplementary Exam देने की ज़रूरत नहीं होगी और उसे पास मान लिया जाएगा।
Skill Subjects में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, कंप्यूटर एप्लीकेशंस, योगा, रिटेल, ऑटोमोबाइल और अन्य तकनीकी व व्यावसायिक विषय शामिल होते हैं। यह कदम छात्रों के तनाव को कम करने और उनके भीतर आत्मविश्वास बनाए रखने में मदद करेगा।
Supplementary Exam के लिए आवेदन प्रक्रिया
Supplementary Exam के लिए आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाया गया है। नियमित छात्र अपने स्कूल के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं, जबकि प्राइवेट कैंडिडेट्स CBSE की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। प्रति विषय आवेदन शुल्क भारत में ₹300, नेपाल में ₹1,000 और विदेश में ₹2,000 निर्धारित किया गया है।
यह परीक्षा जुलाई 2025 के पहले या दूसरे सप्ताह में आयोजित की जाएगी और इसका परिणाम अगस्त 2025 में जारी किया जाएगा। परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों को समय पर आवेदन करना और अपनी तैयारी पूरी करना बेहद जरूरी होगा।
कौन छात्र दे सकते हैं Supplementary Exam?
इस परीक्षा के लिए वही छात्र पात्र होंगे जो:
- 10वीं कक्षा में अधिकतम दो विषयों में फेल हुए हैं,
- 12वीं कक्षा में एक विषय में असफल हुए हैं,
- पास तो हो चुके हैं, लेकिन अपने अंकों को सुधारना चाहते हैं (Improvement Exam),
- 6वें या 7वें विषय के आधार पर पास हुए हैं।
परीक्षा के नियम और अवसर
छात्र Supplementary Exam में कुल तीन बार शामिल हो सकते हैं:
- उसी साल के जुलाई में, परिणाम घोषित होने के तुरंत बाद।
- अगले साल मार्च/अप्रैल में।
- फिर से जुलाई/अगस्त में।
यदि कोई छात्र इससे अधिक विषयों में फेल होता है — जैसे कि 10वीं में तीन या अधिक और 12वीं में दो या अधिक विषय — तो उन्हें अगले वर्ष की पूरी परीक्षा दोबारा देनी होगी।
Supplementary Exam के फायदे
इस नई व्यवस्था से छात्रों को एक और अवसर मिलता है जिससे वे अपना साल बर्बाद होने से बचा सकते हैं। यह न सिर्फ उनके करियर को गति देता है, बल्कि मनोबल भी बढ़ाता है। Supplementary Exam में पास होने के बाद छात्र अपनी पढ़ाई सामान्य रूप से आगे बढ़ा सकते हैं।
यदि कोई छात्र Supplementary Exam में भी पास नहीं होता, तो उसके पास NIOS से पढ़ाई जारी रखने, डिप्लोमा कोर्स, या कौशल विकास कार्यक्रमों में दाखिला लेने जैसे विकल्प मौजूद हैं।
2025 के परीक्षा परिणाम और योजना की सफलता
CBSE की 2025 की बोर्ड परीक्षा में 10वीं कक्षा में 93.66% और 12वीं कक्षा में 88.39% छात्र पास हुए हैं। बड़ी संख्या में छात्रों ने Supplementary Exam के लिए आवेदन किया है, जिससे यह साफ जाहिर होता है कि यह योजना छात्रों के लिए कितनी उपयोगी और प्रभावी है।
Improvement Exam की भी सुविधा
जो छात्र पहले से पास हैं लेकिन अपने अंकों को सुधारना चाहते हैं, वे भी Supplementary Exam के साथ आयोजित होने वाले Improvement Exam में शामिल हो सकते हैं। 10वीं में दो और 12वीं में एक विषय के लिए यह परीक्षा दी जा सकती है।
निष्कर्ष
CBSE का यह नया नियम उन छात्रों के लिए बड़ी राहत है जो बोर्ड परीक्षा में एक या दो विषयों में असफल हो जाते हैं। Supplementary Exam और Skill Subject के विकल्प छात्रों को बिना साल गंवाए आगे बढ़ने का मौका देते हैं। यह फैसला न केवल शिक्षा प्रणाली को अधिक लचीला बनाता है, बल्कि छात्रों के आत्मविश्वास को भी मजबूत करता है। इसलिए अगर आप या आपके परिचित इस स्थिति में हैं, तो घबराएं नहीं — CBSE ने एक प्रभावशाली समाधान उपलब्ध कराया है।