B.Ed और D.El.Ed छात्रों के लिए बड़ी चेतावनी! देशभर में 2962 कॉलेजों की मान्यता खत्म BEd Deled College News

BEd Deled College News – अगर आप बीएड या डीएलएड जैसे टीचिंग कोर्स करने की तैयारी कर रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। शिक्षा जगत में इस वक्त एक बड़ा बवाल मचा हुआ है क्योंकि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) ने देशभर के करीब 2962 कॉलेजों की मान्यता रद्द कर दी है। जी हां, अब ये कॉलेज बीएड और डीएलएड कोर्स में किसी भी नए छात्र को एडमिशन नहीं दे सकेंगे। सबसे ज्यादा असर उत्तर प्रदेश के छात्रों पर पड़ा है क्योंकि यहां सबसे ज्यादा कॉलेज इस फैसले की चपेट में आए हैं।

2962 कॉलेजों की मान्यता क्यों हुई रद्द?

NCTE ने मार्च और अप्रैल 2025 में देश के सभी बीएड और डीएलएड कॉलेजों को परफॉर्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट (PAR) जमा करने को कहा था। ये रिपोर्ट ऑनलाइन फॉर्मेट में मांगी गई थी ताकि यह जांचा जा सके कि कॉलेज NCTE के नियमों और गाइडलाइंस का पालन कर रहे हैं या नहीं। लेकिन जब हजारों कॉलेजों ने समय सीमा के भीतर रिपोर्ट जमा नहीं की, तब परिषद ने सख्ती दिखाते हुए उनकी मान्यता ही रद्द कर दी। यह फैसला इसलिए लिया गया ताकि शिक्षक प्रशिक्षण की गुणवत्ता को बेहतर बनाया जा सके।

2025-26 में इन कॉलेजों में नहीं होगा एडमिशन

इस फैसले का सीधा असर यह हुआ है कि ये कॉलेज अब आगामी शैक्षणिक सत्र यानी 2025-26 के लिए किसी भी प्रकार के एडमिशन में हिस्सा नहीं ले सकेंगे। मतलब साफ है – अब ये कॉलेज B.Ed या D.El.Ed कोर्स में किसी नए छात्र को दाखिला नहीं दे पाएंगे। इसके साथ ही ये कॉलेज काउंसलिंग प्रोसेस से भी बाहर हो गए हैं। अगर कोई छात्र गलती से भी इन कॉलेजों में एडमिशन लेता है, तो उसकी डिग्री मान्य नहीं मानी जाएगी।

जो छात्र पहले से पढ़ रहे हैं, उन्हें राहत

इस पूरे मामले में एक राहत की खबर भी आई है। जिन छात्रों ने पहले से इन कॉलेजों में एडमिशन ले रखा है यानी 2024-25 या उससे पहले के सत्र में, उन्हें डरने की जरूरत नहीं है। ऐसे छात्र अपना कोर्स पूरा कर सकेंगे और उनकी डिग्री भी पूरी तरह वैध मानी जाएगी। इससे लाखों छात्रों को थोड़ी राहत जरूर मिली है, जो इन कॉलेजों में पहले से पढ़ाई कर रहे हैं।

कॉलेजों को पहले भी दी गई थी चेतावनी

NCTE कोई अचानक कदम नहीं उठा रहा था। साल 2019 से ही परिषद ने सभी कॉलेजों को PAR जमा करना अनिवार्य कर दिया था। उसके बाद समय-समय पर कई बार डेडलाइन भी बढ़ाई गई, लेकिन कॉलेजों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। आखिरी बार 30 दिसंबर 2024 की डेडलाइन दी गई थी, लेकिन तब भी हजारों कॉलेज रिपोर्ट जमा नहीं कर सके। अंततः मार्च-अप्रैल 2025 में अंतिम नोटिस भेजने के बाद परिषद ने कड़ा एक्शन लेते हुए मान्यता रद्द करने का फैसला किया।

उत्तर प्रदेश सबसे ज्यादा प्रभावित – 1059 कॉलेज हुए बंद

इस पूरे देशव्यापी कार्रवाई में सबसे ज्यादा नुकसान उत्तर प्रदेश को हुआ है। यहां अकेले 1059 कॉलेजों की मान्यता रद्द कर दी गई है। NCTE की उत्तर क्षेत्रीय समिति की रिपोर्ट के मुताबिक यह संख्या पूरे देश के 37% से भी ज्यादा है। यूपी में D.El.Ed के 380, B.Ed के 178, B.P.Ed के 22 और M.Ed के 22 कॉलेज शामिल हैं। इतना ही नहीं, मेरठ की चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी से जुड़े 50 से ज्यादा कॉलेजों पर भी गाज गिरी है।

अन्य राज्यों में भी बड़ी संख्या में कार्रवाई

यूपी के अलावा महाराष्ट्र में 571 कॉलेज, तमिलनाडु में 361 और कर्नाटक में 224 कॉलेजों की मान्यता रद्द की गई है। गुजरात और राजस्थान में यह संख्या 63-63 है, जबकि पश्चिम बंगाल में 18 कॉलेजों पर कार्रवाई हुई है। यह कदम देशभर में शिक्षक शिक्षा संस्थानों की गुणवत्ता सुधारने की दिशा में एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है।

छात्रों पर भारी पड़ी कॉलेजों की लापरवाही

अब जबकि बीएड और डीएलएड जैसे कोर्स की मांग बढ़ती जा रही है, ऐसे में कॉलेजों की लापरवाही छात्रों के भविष्य के लिए खतरा बन गई है। खासकर वे छात्र जो 2025-26 सत्र के लिए एडमिशन की तैयारी कर रहे थे, उनके लिए यह फैसला किसी बड़े झटके से कम नहीं है। यह मामला जल्द ही अदालतों तक भी पहुंच सकता है, खासकर उत्तर प्रदेश में जहां बीएड की काउंसलिंग इसी महीने शुरू होनी थी।

Disclaimer

यह लेख सूचना आधारित है और इसमें दी गई जानकारी विभिन्न शैक्षणिक एवं मीडिया स्रोतों पर आधारित है। यदि आप बीएड या डीएलएड कोर्स में दाखिला लेने की सोच रहे हैं, तो कृपया पहले NCTE की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर मान्यता प्राप्त कॉलेजों की सूची चेक करें। किसी भी अनाधिकृत संस्थान में दाखिला लेने से बचें, क्योंकि आपकी डिग्री बाद में अमान्य मानी जा सकती है।

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