Old Pension Scheme – सरकारी नौकरी करने वालों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। हाल ही में सरकार ने रिटायरमेंट से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव किया है, खासकर पुरानी पेंशन योजना (OPS) से जुड़ी कुछ अहम बातें फिर से लागू करने का फैसला लिया गया है। जो लोग लंबे समय से पुरानी पेंशन योजना की वापसी की मांग कर रहे थे, उनके लिए ये किसी तोहफे से कम नहीं है।
तो चलिए आसान और सीधे अंदाज़ में समझते हैं कि इस बदलाव का मतलब क्या है, और इससे सरकारी कर्मचारियों को क्या फायदा मिलेगा।
क्या है पुरानी पेंशन योजना?
पुरानी पेंशन योजना यानी OPS वो सिस्टम था जिसमें सरकारी कर्मचारी जब रिटायर होते थे, तो उन्हें उनकी आखिरी सैलरी का लगभग 50% पेंशन के रूप में मिलता था। अच्छी बात ये थी कि इसके लिए कर्मचारी को अपनी जेब से कुछ नहीं देना पड़ता था। मतलब, नौकरी के दौरान कोई योगदान नहीं करना होता था। बस रिटायर होइए और हर महीने तय पेंशन पाइए।
लेकिन साल 2004 के बाद सरकार ने नई पेंशन योजना (NPS) लागू कर दी थी, जिसमें कर्मचारियों को अपनी पेंशन के लिए खुद भी पैसे देने पड़ते थे और बाद में मिलने वाली पेंशन की राशि इस बात पर निर्भर करती थी कि आपने कितना पैसा जोड़ा और उसका निवेश कितना अच्छा हुआ।
अब क्या बदला है?
अब सरकार ने फैसला किया है कि पुराने नियमों को फिर से लागू किया जाएगा यानी पुरानी पेंशन योजना की वापसी हो रही है। इसका मतलब यह है कि अब सरकारी कर्मचारियों को फिर से वही फायदे मिलेंगे जो उन्हें 2004 से पहले मिलते थे।
बदलाव के मुख्य पॉइंट्स
- निश्चित पेंशन का लाभ: अब रिटायरमेंट के बाद हर कर्मचारी को एक तय और स्थायी पेंशन मिलेगी, जो उनकी आखिरी बेसिक सैलरी का 50% होगी।
उदाहरण के लिए, अगर किसी की आखिरी सैलरी ₹60,000 थी, तो उन्हें ₹30,000 हर महीने पेंशन मिलेगी। - कोई योगदान नहीं देना होगा: कर्मचारियों को अब अपनी सैलरी से कोई हिस्सा पेंशन के लिए नहीं देना होगा। यानी अब NPS की तरह कटौती नहीं होगी।
- महंगाई भत्ता (DA) भी मिलेगा: जो पेंशन मिलेगी, उसमें समय-समय पर महंगाई भत्ते (Dearness Allowance) के हिसाब से बढ़ोतरी भी होती रहेगी।
- परिवार पेंशन की सुविधा: अगर किसी कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, तो उनके परिवार को भी पेंशन मिलती रहेगी – ये भी पुरानी स्कीम का हिस्सा है।
पुरानी और नई पेंशन योजना में क्या फर्क है?
पॉइंट्स | पुरानी पेंशन योजना (OPS) | नई पेंशन योजना (NPS) |
---|---|---|
पेंशन की राशि | आखिरी वेतन का 50% | कर्मचारी के योगदान और निवेश पर निर्भर |
गारंटी | सरकार द्वारा सुनिश्चित | कोई गारंटी नहीं |
कर्मचारी योगदान | नहीं देना होता | देना पड़ता है |
जोखिम | कोई जोखिम नहीं | निवेश पर आधारित, जोखिम हो सकता है |
जिन कर्मचारियों ने NPS अपनाया था, उनके लिए क्या?
अगर आपने NPS के तहत अपनी सेवा शुरू की थी, तो अब आपको पुरानी पेंशन योजना में वापस लाने की व्यवस्था की गई है।
- आपको NPS में दिए गए योगदान को छोड़कर OPS के तहत लाभ मिलेगा।
- रिटायरमेंट के बाद आपको वही तय पेंशन मिलेगी जो पुरानी स्कीम में मिलती थी।
- हालांकि, NPS में जमा हुए पैसे के लिए कुछ विशेष नियम होंगे जिन्हें सरकार बाद में स्पष्ट करेगी।
आर्थिक असर क्या होगा?
पुरानी पेंशन योजना से कर्मचारियों को तो राहत मिलेगी, लेकिन सरकार पर खर्च का बोझ बढ़ेगा क्योंकि इस योजना में पूरी पेंशन सरकार ही देती है।
लेकिन इसका दूसरा पहलू ये है कि इससे लाखों कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद की सुरक्षा मिलेगी, जिससे वे बेफिक्र होकर जीवन जी सकेंगे।
कुल मिलाकर फायदा किसे?
इस बदलाव से खासकर उन लोगों को फायदा होगा:
- जो NPS से संतुष्ट नहीं थे।
- जिन्हें रिटायरमेंट के बाद की आर्थिक सुरक्षा की चिंता थी।
- जो चाहते हैं कि उनकी पेंशन एक तय और सुरक्षित रकम हो।
पुरानी पेंशन योजना की वापसी से सरकारी नौकरी करने वालों में एक बार फिर उम्मीद जागी है। ये कदम कर्मचारियों के हित में है और उन्हें भविष्य के लिए आर्थिक रूप से ज्यादा मजबूत बनाएगा।
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डिस्क्लेमर
यह जानकारी उपलब्ध सरकारी नोटिफिकेशन पर आधारित है। किसी भी बदलाव या अपडेट के लिए आधिकारिक सरकारी पोर्टल्स पर जाकर जरूर चेक करें।