सुकन्या समृद्धि योजना में ऐतिहासिक बदलाव – जानें क्या बदला और कैसे उठाएं लाभ Sukanya Samriddhi Yojana New Rules

सुकन्या समृद्धि योजना में ऐतिहासिक बदलाव – जानें क्या बदला और कैसे उठाएं लाभ Sukanya Samriddhi Yojana New Rules

Sukanya Samriddhi Yojana New Rules – सुकन्या समृद्धि योजना देश में बेटियों के लिए सबसे लोकप्रिय और भरोसेमंद बचत योजनाओं में से एक मानी जाती है। 2015 में भारत सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य था कि माता-पिता अपनी बेटियों की पढ़ाई और शादी के लिए पहले से ही आर्थिक रूप से तैयार हो सकें। हाल ही में इस योजना में कुछ नए नियम जोड़े गए हैं जो 1 अक्टूबर 2024 से लागू हो चुके हैं। इन नए नियमों का मकसद योजना को और पारदर्शी बनाना और इसका लाभ सिर्फ उन लोगों तक पहुंचाना है जो इसके असली हकदार हैं।

योजना की खास बातें और फायदों की झलक

सुकन्या समृद्धि योजना खासतौर पर 10 साल से कम उम्र की बालिकाओं के लिए शुरू की जाती है। माता-पिता या कानूनी अभिभावक उनके नाम से खाता खोल सकते हैं और 15 साल तक उसमें पैसे जमा करने होते हैं। खाता कुल 21 साल तक चलता है और परिपक्वता के बाद पूरी राशि बेटी को मिल जाती है। इस योजना पर वर्तमान में 8.2% सालाना ब्याज मिलता है, जो कि बाकी पारंपरिक बचत योजनाओं से काफी ज्यादा है। इसके अलावा यह योजना पूरी तरह टैक्स फ्री है – यानी जो पैसा आप जमा करते हैं, उस पर मिलने वाला ब्याज और मेच्योरिटी पर मिलने वाली रकम – तीनों ही टैक्स से पूरी तरह मुक्त होती है।

न्यूनतम और अधिकतम निवेश सीमा

इस योजना को आम लोगों के लिए भी सुलभ बनाने के लिए इसमें सालाना न्यूनतम निवेश ₹250 रखा गया है। वहीं अधिकतम निवेश ₹1.5 लाख तक किया जा सकता है। इस कारण गरीब और मध्यम वर्गीय परिवार भी अपनी बेटी के लिए भविष्य की प्लानिंग आराम से कर सकते हैं। बेटी के 18 साल के होने या 10वीं पास करने के बाद उसके नाम से जमा हुई कुल राशि में से 50% तक आंशिक निकासी की जा सकती है। यह निकासी उसकी पढ़ाई या शादी के खर्च के लिए ली जा सकती है।

1 अक्टूबर 2024 से लागू हुए 5 बड़े बदलाव

पहला बड़ा बदलाव यह है कि अब सिर्फ बेटी के माता-पिता या कानूनी अभिभावक ही उसका खाता खोल सकते हैं। यानी अब चाचा-चाची, दादा-दादी जैसे रिश्तेदार खाता नहीं खोल पाएंगे। दूसरा नियम यह कहता है कि अगर किसी गलत व्यक्ति ने खाता खोला है, तो उसे सही अभिभावक के नाम पर ट्रांसफर करना अनिवार्य होगा। तीसरा नियम 18 साल की उम्र के बाद बेटी को उसके खाते का पूरा कंट्रोल देने से जुड़ा है। चौथा नियम यह दोहराता है कि हर साल ₹250 जमा करना अनिवार्य है, नहीं तो खाता डिफॉल्ट में चला जाएगा। पांचवां नियम आंशिक निकासी के प्रावधान को और स्पष्ट करता है कि यह सुविधा केवल पढ़ाई या शादी के लिए ही है।

खाता ट्रांसफर और बंद होने की प्रक्रिया

अगर किसी अनधिकृत व्यक्ति ने खाता खोला है, तो उसे तुरंत सही अभिभावक के नाम पर ट्रांसफर करना होगा। यह प्रक्रिया बैंक या पोस्ट ऑफिस में आवश्यक दस्तावेजों के साथ की जा सकती है। अगर तय समय में ट्रांसफर नहीं हुआ, तो खाता बंद हो जाएगा और जमा राशि तो मिल जाएगी लेकिन उस पर मिलने वाला विशेष ब्याज नहीं दिया जाएगा। इसलिए जरूरी है कि इस तरह की स्थिति से बचने के लिए तुरंत सही कदम उठाया जाए।

डिफॉल्ट खाता और उसे फिर से शुरू करने का तरीका

अगर किसी साल न्यूनतम ₹250 जमा नहीं किया गया, तो खाता डिफॉल्ट हो जाएगा। ऐसे खातों पर कम ब्याज दर मिलती है और योजना का लाभ कम हो जाता है। इसे दोबारा शुरू करने के लिए बकाया राशि के साथ ₹50 प्रति वर्ष के हिसाब से जुर्माना भी देना पड़ता है। मान लीजिए तीन साल तक पैसा नहीं डाला, तो ₹750 की राशि और ₹150 का जुर्माना जमा करना होगा। इसलिए नियमित रूप से निवेश करते रहना जरूरी है।

बेटी को 18 साल के बाद मिलती है स्वतंत्रता

जैसे ही बालिका 18 साल की होती है, उसे अपने खाते का पूरा नियंत्रण मिल जाता है। वह खुद पैसा जमा कर सकती है या पढ़ाई या शादी के खर्च के लिए जरूरत पड़ने पर निकाल सकती है। यह बदलाव बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है और उनकी आर्थिक आज़ादी को बढ़ावा देता है।

खाता खोलने की प्रक्रिया और ज़रूरी कागज़ात

खाता किसी भी अधिकृत बैंक या पोस्ट ऑफिस में खोला जा सकता है। इसके लिए बालिका का जन्म प्रमाण पत्र, माता-पिता या अभिभावक का आधार कार्ड, पहचान पत्र, पता प्रमाण और पासपोर्ट साइज फोटो लगाना होता है। खाते की शुरुआत में ₹250 से खाता खोला जा सकता है लेकिन अधिक लाभ के लिए सालाना ₹1.5 लाख तक निवेश करना बेहतर रहेगा। अब तो ऑनलाइन सुविधा भी मौजूद है जिससे यह प्रक्रिया और भी आसान हो गई है।

लंबे समय का फायदे वाला सौदा

सुकन्या समृद्धि योजना न सिर्फ टैक्स बचाने में मदद करती है, बल्कि बेटी के भविष्य को भी सुरक्षित करती है। 21 साल की मेच्योरिटी अवधि में यह एक अच्छा फंड तैयार करती है जिसे बेटी की पढ़ाई, व्यवसायिक ट्रेनिंग या शादी में उपयोग किया जा सकता है। यह योजना हर परिवार को अनुशासित बचत की आदत भी सिखाती है।

FAQs: अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

प्रश्न 1: क्या एक परिवार में दो बेटियों के लिए दो खाते खोले जा सकते हैं?

हाँ, एक परिवार में अधिकतम दो बेटियों के नाम से दो खाते खोले जा सकते हैं, हर खाते की अधिकतम निवेश सीमा अलग-अलग होती है।

प्रश्न 2: क्या खाता ट्रांसफर किसी भी शहर में किया जा सकता है?

बिलकुल, सुकन्या समृद्धि खाता पूरे भारत में किसी भी अधिकृत बैंक या डाकघर में ट्रांसफर किया जा सकता है।

प्रश्न 3: अगर बेटी की शादी 21 साल से पहले हो जाती है तो क्या खाता बंद हो जाएगा?

हाँ, बेटी की शादी 18 साल के बाद कभी भी होती है तो खाता बंद किया जा सकता है और जमा राशि निकाली जा सकती है।

डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी इंटरनेट पर उपलब्ध विभिन्न स्रोतों से एकत्रित की गई है। हम इसकी पूर्णतः सटीकता की गारंटी नहीं देते। किसी भी निवेश से पहले संबंधित सरकारी पोर्टल या बैंक से जानकारी अवश्य प्राप्त करें। लेख का उद्देश्य केवल जानकारी देना है, न कि वित्तीय सलाह।

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