Solar Rooftop Yojana 2025 – भारत सरकार ने सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने और आम लोगों को महंगे बिजली बिलों से राहत दिलाने के लिए ‘प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना 2025’ की शुरुआत की है। इस योजना का मकसद है कि हर घर में सोलर पैनल लगाकर बिजली की जरूरतें पूरी की जाएं और लोगों को 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली दी जाए। सरकार इस योजना पर 75,000 करोड़ रुपये खर्च कर रही है और इसका फायदा देशभर के 1 करोड़ परिवारों तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।
इस योजना के क्या फायदे हैं?
अगर आप अपने घर की छत पर 3 किलोवाट तक का सोलर पैनल लगवाते हैं, तो सरकार आपको कुल लागत पर 40% सब्सिडी देगी। अगर आप 3 किलोवाट से ज्यादा और 10 किलोवाट तक का सिस्टम लगवाते हैं, तो पहले 3 किलोवाट पर 40% और बाकी सिस्टम पर 20% सब्सिडी मिलेगी। अधिकतम सब्सिडी ₹78,000 तक हो सकती है, जो सीधे आपके बैंक खाते में ट्रांसफर होगी। सोलर सिस्टम एक बार लगवाने के बाद लगभग 20 से 25 साल तक चलेगा और शुरुआत में जो खर्च आएगा वो आप 5-6 साल में बची हुई बिजली की कीमत से निकाल लेंगे। इतना ही नहीं, अगर आपका सिस्टम जरूरत से ज्यादा बिजली पैदा करता है तो आप उसे बिजली विभाग को बेच भी सकते हैं और एक्स्ट्रा कमाई कर सकते हैं।
कौन ले सकता है योजना का लाभ?
इस योजना का फायदा उठाने के लिए सबसे जरूरी बात ये है कि आप भारतीय नागरिक हों और आपके पास खुद का पक्का मकान होना चाहिए। क्योंकि ये योजना उन्हीं लोगों के लिए है जिनके घर की छत पर सोलर पैनल लगाए जा सकें। एक किलोवाट के पैनल को लगाने के लिए करीब 100 वर्ग फुट की छत चाहिए होती है। साथ ही आपको अपने इलाके की बिजली वितरण कंपनी से नेट मीटरिंग की इजाजत लेनी होगी, जो आमतौर पर 15 दिनों के भीतर मिल जाती है।
किन दस्तावेजों की जरूरत होगी?
आवेदन के लिए आपको आधार कार्ड, नवीनतम बिजली बिल, मकान के मालिकाना हक के दस्तावेज (जैसे रजिस्ट्री या पट्टा) और बैंक पासबुक या कैंसिल चेक की कॉपी की जरूरत होगी। कुछ जगहों पर स्थानीय निकाय से अनुमति पत्र भी मांग सकते हैं। सभी दस्तावेजों की स्कैन कॉपी तैयार रखें ताकि ऑनलाइन आवेदन करते समय कोई परेशानी न हो।
ऑनलाइन आवेदन कैसे करें?
सबसे पहले आपको pmsuryaghar.gov.in वेबसाइट पर जाना होगा। वहां “Apply for Rooftop Solar” पर क्लिक करें, फिर अपना राज्य, जिला, बिजली कंपनी और कंज्यूमर नंबर भरें। इसके बाद आपकी बेसिक जानकारी मांगी जाएगी – जैसे नाम, पता, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी। सारी जानकारी भरने के बाद आपको एक रजिस्ट्रेशन नंबर मिलेगा जिसे आपको संभालकर रखना है।
सब्सिडी कैसे मिलेगी?
जब सोलर सिस्टम लग जाएगा तो एक तकनीकी जांच की जाएगी जिसमें देखा जाएगा कि सिस्टम सही से काम कर रहा है या नहीं। जांच के बाद एक रिपोर्ट बनाई जाएगी जिसे आपको वेबसाइट पर अपलोड करना होगा और बैंक डिटेल्स भी देनी होंगी। इसके बाद सरकार डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के जरिए सब्सिडी सीधे आपके खाते में डाल देगी, आमतौर पर 30 दिन के भीतर।
लोन और आर्थिक मदद भी उपलब्ध
अगर आपके पास एकमुश्त पैसा नहीं है तो चिंता की बात नहीं। सरकार बैंकों को निर्देश देती है कि वे सोलर सिस्टम लगाने के लिए लोगों को आसान किस्तों में लोन दें। प्रति किलोवाट करीब 30,000 रुपये तक की सब्सिडी मिलती है, यानी 3 किलोवाट के सिस्टम पर लगभग 90,000 रुपये तक की राहत मिल सकती है। इससे आपकी जेब पर बहुत कम असर पड़ेगा।
पर्यावरण और समाज के लिए भी फायदेमंद
सोलर पैनल लगने से न सिर्फ बिजली के बिल में राहत मिलेगी, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद है। कोयले से बनने वाली बिजली से कार्बन डाइऑक्साइड जैसी गैसें निकलती हैं, जो वायु प्रदूषण और ग्लोबल वॉर्मिंग को बढ़ाती हैं। वहीं सोलर एनर्जी पूरी तरह स्वच्छ है। इसके साथ ही रोजगार के मौके भी बढ़ेंगे – पैनल लगाने, मरम्मत करने और टेक्निकल सहायता देने के लिए हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा, खासकर गांवों और छोटे शहरों में।
तकनीकी सहायता और देखभाल
सरकार सोलर सिस्टम लगवाने के बाद तकनीकी सहायता भी देती है। इसके लिए लोकल स्तर पर सेवा केंद्र बनाए गए हैं जहां से पैनल की सफाई, वायरिंग और इन्वर्टर की जांच जैसी सेवाएं मिलती हैं। आमतौर पर सोलर पैनल को साल में 2-3 बार साफ करना होता है, हालांकि बरसात के मौसम में नेचुरल सफाई हो जाती है। किसी भी तकनीकी परेशानी के लिए हेल्पलाइन नंबर भी उपलब्ध रहता है।
भविष्य की दिशा और संभावनाएं
सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक देश की 40% बिजली जरूरतें नवीकरणीय स्रोतों से पूरी हों। सोलर पैनल की तकनीक भी लगातार बेहतर होती जा रही है जिससे कम जगह में ज्यादा बिजली बन सकेगी। नई बैटरियों के आने से दिन में बनी बिजली रात को भी इस्तेमाल की जा सकेगी। सरकार डिजिटल आवेदन प्रक्रिया को और आसान बना रही है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसका लाभ ले सकें।
अस्वीकरण
इस लेख में दी गई जानकारी विभिन्न ऑनलाइन स्रोतों से ली गई है और केवल आम जनमानस को सूचित करने के उद्देश्य से प्रस्तुत की गई है। कृपया योजना से जुड़ा कोई भी निर्णय लेने से पहले संबंधित सरकारी पोर्टल या आधिकारिक स्रोत से जानकारी की पुष्टि अवश्य कर लें।