सरकारी कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले! 8वें वेतन आयोग से सैलरी में 34% की बढ़ोतरी तय 8th Pay Commission Update

8th Pay Commission Update – सरकारी नौकरी करने वालों के लिए साल 2025 बेहद खास होने वाला है, क्योंकि मोदी सरकार ने 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को हरी झंडी दे दी है। 16 जनवरी 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने इस अहम फैसले को मंजूरी दी, जिससे देश भर के करीब 50 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 65 लाख पेंशनधारक सीधे तौर पर प्रभावित होंगे। यह कदम न सिर्फ उनकी आमदनी बढ़ाने वाला है, बल्कि उनकी आर्थिक स्थिति को भी मजबूत करेगा।

कब से लागू होगा 8वां वेतन आयोग

7वां वेतन आयोग 2016 में लागू किया गया था और उसकी वैधता 31 दिसंबर 2025 तक की है। ऐसे में यह तय माना जा रहा है कि 8वां वेतन आयोग 1 जनवरी 2026 से लागू हो जाएगा। ये 10 साल के अंतराल की वही परंपरा है, जो पहले के वेतन आयोगों में भी रही है। हालांकि, इसे लागू करने की प्रक्रिया में थोड़ा समय लग सकता है, फिर भी उम्मीद की जा रही है कि वित्तीय वर्ष 2027 से इसे पूरी तरह से लागू कर दिया जाएगा।

वेतन में कितनी होगी बढ़ोतरी

वेतन आयोगों में सबसे अहम भूमिका होती है फिटमेंट फैक्टर की, और यही तै करता है कि सैलरी कितनी बढ़ेगी। अभी 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 है, लेकिन नए आयोग में इसे बढ़ाकर 2.86 तक करने की चर्चा है। अगर ऐसा होता है तो सैलरी में 30 से 34 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो सकती है। मतलब अगर किसी कर्मचारी की मौजूदा बेसिक सैलरी ₹18,000 है, तो वह नए वेतनमान के तहत ₹41,000 से ₹51,000 तक पहुंच सकती है।

पेंशनभोगियों के लिए भी खुशखबरी

सिर्फ काम कर रहे कर्मचारियों को ही फायदा नहीं होगा, बल्कि रिटायर हो चुके कर्मचारियों को भी इस फैसले से राहत मिलेगी। फिलहाल न्यूनतम पेंशन ₹9,000 है जो बढ़कर ₹20,000 से ऊपर जा सकती है। पेंशन में इस बढ़ोतरी से बुजुर्गों की आर्थिक सुरक्षा मजबूत होगी और उनका जीवन स्तर भी सुधरेगा। खासकर पूर्व सैन्यकर्मियों और अन्य सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए ये एक बड़ी राहत साबित हो सकती है।

सिर्फ वेतन नहीं, पूरी स्ट्रक्चर बदलेगी

8वां वेतन आयोग सिर्फ वेतन वृद्धि तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरी सैलरी स्ट्रक्चर में बदलाव लाएगा। DA (महंगाई भत्ता), HRA (मकान किराया भत्ता) और TA (यात्रा भत्ता) जैसे भत्तों में भी संशोधन होगा। आयोग यह सुनिश्चित करेगा कि हर स्तर के कर्मचारी को उसकी भूमिका और जिम्मेदारी के मुताबिक न्यायपूर्ण वेतन मिले। साथ ही पे-मैट्रिक्स को भी अधिक सरल और पारदर्शी बनाया जाएगा।

लेवल सिस्टम में हो सकता है बदलाव

कई कर्मचारी संगठनों ने सरकार से मांग की है कि निचले वेतन स्तरों को मिलाकर स्ट्रक्चर को सरल किया जाए। जैसे लेवल 1 को लेवल 2 में मर्ज किया जाए, ताकि पदोन्नति और वेतन बढ़ोतरी की प्रक्रिया और ज्यादा स्पष्ट हो सके। इससे कर्मचारियों को करियर में आगे बढ़ने में सहूलियत होगी और वेतन असमानता की समस्या भी दूर हो सकेगी।

क्यों हो रही है देरी

हालांकि सरकार ने आयोग को मंजूरी दे दी है, लेकिन अभी तक आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की घोषणा नहीं की गई है। साथ ही आयोग के संदर्भ की शर्तें (Terms of Reference) भी अधूरी हैं। इन सभी प्रक्रियाओं में वक्त लगता है। 7वें वेतन आयोग का उदाहरण देखें तो उसकी घोषणा 2014 में हुई थी लेकिन लागू 2016 में हुआ। यानी लगभग 15 महीनों का समय तो लगना तय है।

सरकार पर पड़ेगा भारी वित्तीय बोझ

8वां वेतन आयोग लागू होने के बाद सरकार पर सालाना ₹1.8 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। हालांकि विशेषज्ञ मानते हैं कि ये खर्च वास्तव में एक निवेश है, क्योंकि कर्मचारियों की बढ़ी हुई आय से बाजार में मांग बढ़ेगी और इससे आर्थिक गतिविधियों को गति मिलेगी। प्रधानमंत्री मोदी ने भी कहा कि यह फैसला जीवन स्तर सुधारने के साथ-साथ उपभोग को भी बढ़ावा देगा।

DA को बेसिक में जोड़ने की मांग तेज

फिलहाल महंगाई भत्ता 55% तक पहुंच चुका है और कर्मचारी संगठनों की यह मांग है कि इसे बेसिक सैलरी में मर्ज कर दिया जाए। राष्ट्रीय संयुक्त सलाहकार मशीनरी (NC-JCM) ने सरकार से आग्रह किया है कि यह काम वेतन आयोग लागू होने से पहले ही कर लिया जाए, ताकि सैलरी में एकमुश्त अच्छी बढ़ोतरी हो सके।

सरकारी नौकरी बनेगी और आकर्षक

8वां वेतन आयोग सिर्फ वेतन सुधार तक सीमित नहीं रहेगा। इसमें कर्मचारियों के लिए बेहतर स्वास्थ्य बीमा योजना, वर्क-लाइफ बैलेंस और लचीले भत्तों जैसे कई सुधार किए जा सकते हैं। इससे सरकारी नौकरियां और अधिक आकर्षक बनेंगी और कर्मचारियों की संतुष्टि भी बढ़ेगी।

डिस्क्लेमर

यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी इंटरनेट और विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। हम इसकी सटीकता या सत्यता की 100% गारंटी नहीं देते। कृपया किसी भी निर्णय से पहले संबंधित आधिकारिक स्रोतों से पुष्टि जरूर करें।

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